सर्वश्रेष्ठ वर कौन - बेताल पच्चीसी - नौंवी हिंदी कहानी | Betal Pachisi 9th Hindi Stories

 सर्वश्रेष्ठ वर कौन - बेताल पच्चीसी - नौंवी हिंदी कहानी | 

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Betal Pachisi 9th Hindi Stories
Betal Pachisi 9th Hindi Stories.

प्रिय पाठकों।

आप सभी का स्वागत हैं मेरे ब्लॉग allhindistory.in पर और आप पढ़ रहे है बेताल पच्चीसी की कड़ी की नौवीं कहानी "सर्वश्रेष्ठ वर कौन " बाकी सभी कहानियों की तरह यह कहानी भी बहुत ही शिक्षाप्रद हैं। इस विक्रम बेताल की कड़ी में राजा विक्रमादित्य चुपचाप बेताल को योगी के पास ले जाना चाहते है, लेकिन बेताल भी ऐसी कहानी सुनाता है की, अंत में राजा विक्रमादित्य को बोलने पर मजबूर कर देता है। और राजा का मोन भंग होते ही बेताल फिर से श्मशान में जाकर पेड़ से लटक जाता है। तो चलिए जानते है की इस कहानी में बेताल राजा का मोन केसे भंग करता है और पढ़ते है -- "Betal Pachisi 9th Hindi Stories"



सबसे योग्य वर कौन ? [ Vikram-Betal Hindi Story-First Among Equals ]



चम्मापुर नाम का एक नगर था, जिसमें चम्पकेश्वर नाम का राजा राज करता था। उसके सुलोचना नाम की रानी थी और त्रिभुवनसुन्दरी नाम की राजकुमारी। राजकुमारी में उसके नाम के समान ही सभी गुण विद्यमान थे। जब राजकुमारी बड़ी हुई तो उसका रूप और निखर गया। राजा और रानी को उसके विवाह की चिन्ता हुई। चारों ओर इसकी खबर फैल गयी।


और बहुत-से राजाओं ने अपनी-अपनी तस्वीरें बनवाकर भेंजी, पर राजकुमारी ने किसी को भी पसन्द नही किया। राजा ने कहा, "बेटी, कहो तुम तो तुम्हारे लिए स्वयंवर का आयोजन करूँ?" लेकिन वह राजी नहीं हुई। आख़िर राजा ने तय किया कि वह उसका विवाह उस आदमी के साथ करेगा, जो रूप, बल और ज्ञान, के साथ साथ सर्वगुण संपन्न होगा।



एक दिन राजा के पास चार देश के चार राजकुमार आये। एक ने कहा, "मैं एक कपड़ा बनाकर पाँच लाख में बेचता हूँ, एक लाख देवता को चढ़ाता हूँ, एक लाख अपने अंग लगाता हूँ, एक लाख स्त्री के लिए रखता हूँ और एक लाख से अपने खाने-पीने का खर्च चलाता हूँ। इस विद्या को और कोई नहीं जानता।"


दूसरा बोला, "मैं जल-थल के पशुओं की भाषा जानता हूँ।"


तीसरे ने कहा, "मैं इतना शास्त्र पढ़ा हूँ कि मेरा कोई मुकाबला नहीं कर सकता।"


चौथे ने कहा, "मैं शब्दवेधी तीर चलाना जानता हूँ।"


चारों की बातें सुनकर राजा सोच में पड़ गया। वे सुन्दरता में भी एक-से-एक बढ़कर थे। उसने राजकुमारी को बुलाकर उनके गुण और रूप का वर्णन किया, पर वह चुप रही।


इतना कहकर बेताल बोला, "राजन्, अब तुम बताओ कि राजकुमारी किसको मिलनी चाहिए?"


राजा बोला, "जो कपड़ा बनाकर बेचता है, वह शूद्र है। जो पशुओं की भाषा जानता है, वह ज्ञानी है। जो शास्त्र पढ़ा है, ब्राह्मण है; पर जो शब्दवेधी तीर चलाना जानता है, वह राजकुमारी का सजातीय है और उसके योग्य है। राजकुमारी उसी को मिलनी चाहिए।"



राजा के इतना कहते ही बेताल हवा में गायब हो गया। राजा को पुनः श्मशान घाट आकर बेताल को पेड़ से उतारा एवं कंधे पर डालकर वापस चलने लगा तब बेताल ने राजा का मोन भंग करने के लिए दसवीं कहानी सबसे अधिक त्यागी कौन?| बेताल पच्चीसी | दसवीं हिंदी कहानी | सुनानी आरंभ कर दी……



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प्रिय पाठको आज की विक्रम बेताल की कहानी में इतना ही फिर मिलते है नई कहानी के साथ पढ़ते रहिए allhindistory.in पर विक्रम बेताल की हिंदी कहानियां।

अगर आपने अभी तक बेताल पच्चीसी [betal Pachisi] कड़ी की पिछली आठवी कहानी सबसे बढ़कर कौन ? - बेताल पच्चीसी - आठवीं कहानी!!  पढ़ी है तो वो भी पढ़ सकते हैं।

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