सबसे बढ़कर कौन ? - बेताल पच्चीसी - आठवीं कहानी!! Betal-Pachisi 8th [Hindi Story]

 सबसे बढ़कर कौन ? - बेताल पच्चीसी - आठवीं कहानी!! 

Betal-Pachisi 8th [Hindi Story]


Betal-Pachisi 8th [Hindi Story]
Betal-Pachisi 8th [Hindi Story]


प्रिय पाठकों । 

स्वागत है आप सभी का Betal-Pachisi 8th [Hindi Story] में, बेताल तो आखिर बेताल था। उसने फिर से राजा विक्रमादित्य को बोलने पर मजबूर करने के लिए उसने अपनी आठवी कहानी सुनानी आरंभ कर दी। तो प्रिय पाठकों विक्रम-बेताल की ये कहानी भी और कहानियों की तरह ही मजेदार और शिक्षाप्रद है। इसलिए खुद भी पढ़िए और अपने बच्चों को यह कहानी जरूर सुनाए जिससे कि बच्चों का ज्ञान वर्धन हो सके। तो चलिए शुरू करते हैं 

विक्रम बेताल Betal-Pachisi 8th [Hindi Story]

 

अंग देश के एक गाँव में एक धनी ब्राह्मण रहता था। उसके तीन पुत्र थे। एक बार उस ब्राह्मण ने एक यज्ञ करने की सोची। और उस कार्य के लिए उसे एक कछुए की जरूरत पड़ी। उसने अपने तीनों भाइयों को कछुआ लाने के लिए भेजा। वे तीनों समुद्र पर पहुँचे। वहाँ उन्हें एक कछुआ मिल गया। बड़े ने कहा, "मैं भोजनचंग हूँ, इसलिए कछुए को नहीं छु सकता।" मझला बोला, "मैं नारीचंग हूँ, मैं इसे नहीं पकड़ सकता।" सबसे छोटा बोल, "मैं शैयाचंग हूँ, सो मैं भी इसे नहीं ले जाऊँगा।"


और वे तीनों इस बहस में पड़ गये कि उनमें कौन सबसे बढ़कर है। जब वे आपस में इसका फैसला न कर सके तो राजा के पास पहुँचे। राजा ने कहा, "आप लोग रुकें। मुझे तुम तीनों की अलग-अलग जाँच करनी पड़ेगी।"


इसके बाद राजा ने भोजनशाला में बढ़िया भोजन तैयार कराया और तीनों भाई भोजन करने बैठे। सबसे बड़े ने कहा, "मैं खाना नहीं खाऊँगा। इसमें मुर्दे की गंध आ रही है।" वह उठकर चला। राजा ने पता लगाया तो मालूम हुआ कि वह भोजन जिस फसल से बना हुआ है, वो फसल श्मशान के पास के खेत में उगाई गई थी। राजा ने कहा, "तुम सचमुच भोजनचंग हो, तुम्हें भोजन की पहचान है।"


रात के समय राजा ने एक सुन्दर स्त्री को मझले भाई के पास भेजी। जैसे ही वह स्त्री वहाँ पहुँची तो मझले भाई ने कहा, "इसे हटाओ यहां से। इसके शरीर से बकरी के दूध की गंध आती है।"


राजा ने यह सुनकर पता लगाया तो ज्ञात हुआ कि उस स्त्री का बचपन में बकरी के दूध से पालन किया गया था। राजा बड़ा खुश हुआ और बोला, "तुम सचमुच नारीचंग हो।"


इसके बाद उसने तीसरे भाई को सोने के लिए सात गद्दों का पलंग दिया। जैसे ही वह उस पर लेटा कि एकदम चीख कर उठ बैठा। लोगों ने देखा, उसकी पीठ पर एक लाल रेखा खींची थी। राजा को खबर मिली तो उसने बिछौने को दिखवाया। सात गद्दों के नीचे उसमें एक बाल निकला। उसी से उसकी पीठ पर लाल लकीर हो गयी थीं।


राजा को बड़ा अचरज हुआ उसने तीनों को एक-एक लाख अशर्फियाँ दीं। अब वे तीनों कछुए को ले जाना भूल गये, वहीं आनन्द से रहने लगे। इतना कहकर बेताल बोला, "हे राजा! तुम बताओ, उन तीनों में से बढ़कर कौन था?"


राजा ने कहा, "मेरे विचार से सबसे बढ़कर शैयाचंग था, क्योंकि उसकी पीठ पर बाल का निशान दिखाई दिया और ढूँढ़ने पर बिस्तर में बाल पाया भी गया। बाकी दो के बारे में तो यह कहा जा सकता है कि उन्होंने किसी से पूछकर जान लिया होगा।"


इतना सुनते ही बेताल फिर पेड़ पर जा लटका। राजा लौटकर वहाँ गया और उसे लेकर लौटा तो बेताल ने नौंवी कहानी सर्वश्रेष्ठ वर कौन - बेताल पच्चीसी - नौंवी हिंदी कहानी आरंभ कर दी………


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तो आज की विक्रम बेताल की कहानी में इतना ही फिर मिलते है नई कहानी के साथ पढ़ते रहिए allhindistory.in पर विक्रम बेताल की कहानियां !


प्रिय पाठको अगर आपने अभी तक बेताल पच्चीसी [betal Pachisi] कड़ी की पिछली सातवीं हिंदी कहानी किसका पुण्य बड़ा ? - बेताल पच्चीसी - सातवीं हिंदी कहानी  पढ़ी है तो वो भी आप यहां से पढ़ सकते हैं।


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