सबसे अधिक त्यागी कौन?| बेताल पच्चीसी | दसवीं हिंदी कहानी | Vikram Betal 10th Stories In Hindi.

 सबसे अधिक त्यागी कौन?| बेताल पच्चीसी | दसवीं हिंदी कहानी | 

Vikram Betal 10th Stories In Hindi.

Vikram Betal 10th Stories In Hindi.
Vikram Betal 10th Stories In Hindi.

प्रिय पाठकों।

आप सभी का स्वागत हैं मेरे ब्लॉग allhindistory.in पर और आप पढ़ रहे है बेताल पच्चीसी की कड़ी की दशवी कहानी "सबसे अधिक त्यागी कौन?" बाकी सभी कहानियों की तरह यह कहानी भी बहुत ही शिक्षाप्रद हैं। इस विक्रम बेताल की कड़ी में राजा विक्रमादित्य चुपचाप बेताल को योगी के पास ले जाना चाहते है, लेकिन बेताल भी ऐसी कहानी सुनाता है की, कहानी के अंत में राजा विक्रमादित्य को बोलने पर मजबूर कर देता है। और राजा का मोन भंग होते ही बेताल फिर से श्मशान में जाकर पेड़ से लटक जाता है। तो चलिए जानते है की इस कहानी में बेताल राजा का मोन केसे भंग करता है और पढ़ते है -- "Vikram Betal 10th Stories In Hindi"

विक्रम बेताल Vikram Betal 10th Stories In Hindi.


मदनपुर नगर में वीरवर नाम का राजा राज करता था। उसके राज्य में एक वैश्य रहता था, जिसका नाम हिरण्यदत्त था। उसके मदनसेना नाम की एक पुत्री थी।

एक दिन मदनसेना अपनी सखियों के साथ बगीचे में घूमने गयी। संयोग से वहा पर सोमदत्त नामक सेठ का लड़का धर्मदत्त अपने मित्र के साथ घूमने आया हुआ था। वह मदनसेना को देखते ही उससे प्रेम करने लगा। घर लौटकर सोमदत्त सारी रात मदनसेना के लिए बैचेन रहा। अगले दिन वह फिर बगीचे में गया। मदनसेना वहाँ अकेली बैठी थी। उसके पास जाकर उसने कहा, " अगर तुम मुझसे प्यार नहीं करोगी तो मैं अपने प्राण दे दूँगा।"

मदनसेना ने जवाब दिया, "आज से पाँचवे दिन मेरी शादी होने वाली है। मैं तुम्हारी नहीं हो सकती।"

वह बोला, "मैं तुम्हारे बिना जीवित नहीं रह सकता।"

मदनसेना डर गयी। बोली, "अच्छी बात है। मेरा ब्याह हो जाने दो। मैं अपने पति के पास जाने से पहले तुमसे ज़रूर मिलूँगी।"


 सोमदत्त को वचन देकर मदनसेना डर गयी। उसका विवाह हो गया और वह जब अपने पति के पास गयी तो उदास होकर बोली, "आप मुझ पर विश्वास करें और मुझे अभय दान दें तो मैं आपसे एक बात कहूँ।" पति ने विश्वास दिलाया तो उसने सारी बात कह सुनायी। सुनकर पति ने सोचा कि यह बिना जाये मानेगी तो है नहीं, रोकना बेकार है। उसने जाने की आज्ञा दे दी।

मदनसेना अच्छे-अच्छे कपड़े और गहने पहन कर चली। रास्ते में उसे एक चोर मिला। उसने उसका आँचल पकड़ लिया। मदनसेना ने कहा, "तुम मुझे छोड़ दो। मेरे गहने लेना चाहते हो तो लो।"

चोर बोला, "मैं तो तुम्हें चाहता हूँ।"

मदनसेना ने उसे सारा हाल कहा, "पहले मैं वहां हो आऊँ, तब तुम्हारे पास आऊँगी।"

चोर ने उसे छोड़ दिया।


मदनसेना धर्मदत्त के पास पहुँची। उसे देखकर वह बड़ा खुश हुआ और उसने पूछा, "तुम अपने पति से बचकर कैसे आयी हो?"

मदनसेना ने सारी बात सच-सच कह दी। धर्मदत्त पर उसका बड़ा गहरा असर पड़ा। उसने उसे छोड़ दिया। फिर वह चोर के पास आयी। चोर सब कुछ जानकर ब़ड़ा प्रभावित हुआ और वह उसे घर पर छोड़ गया। इस प्रकार मदनसेना सबसे बचकर पति के पास आ गयी। पति ने सारा हाल कह सुना तो बहुत प्रसन्न हुआ और उसके साथ आनन्द से रहने लगा।

इतना कहकर बेताल बोला, "हे राजा! बताओ, पति, धर्मदत्त और चोर इन तीनों में से किसने सबसे अधिक त्याग दिया ?"

राजा ने कहा, "चोर। मदनसेना का पति तो उसे दूसरे आदमी पर रुझान होने से त्याग देता है। धर्मदत्त उसे इसलिए छोड़ता है कि उसका मन बदल गया था, फिर उसे यह डर भी रहा होगा कि कहीं उसका पति उसे राजा से कहकर दण्ड न दिलवा दे। लेकिन चोर का तो किसी को पता भी नही था, फिर भी उसने उसे छोड़ दिया। इसलिए वह उन दोनों से अधिक त्यागी था।"

राजा का यह जवाब सुनकर बेताल फिर से उड़कर पेड़ पर जा लटका और राजा जब उसे लेकर चला तो उसने फिर से एक नई कहानी सबसे अधिक सुकुमार कौन? - बेताल पच्चीसी | 11वी हिंदी कहानी शुरू का दी…….


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तो आज की विक्रम बेताल की कहानी में इतना ही फिर मिलते है नई कहानी के साथ पढ़ते रहिए allhindistory.in पर विक्रम बेताल की हिंदी कहानियां।

प्रिय पाठको अगर आपने अभी तक बेताल पच्चीसी [betal Pachisi] कड़ी की पिछली नौवीं कहानी सर्वश्रेष्ठ वर कौन - बेताल पच्चीसी - नौंवी हिंदी कहानी नही पढ़ी है तो वो भी पढ़ सकते हैं।

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