माँ-बेटी के बच्चों में क्या रिश्ता हुआ? बेताल पच्चीसी - 24वीं कहानी!
Vikram Betal - Betal Pachisi 24वी [Hindi Stories ]
प्रिय पाठकों।
आप सभी का स्वागत हैं मेरे ब्लॉग allhindistory.in पर और आप पढ़ रहे है बेताल पच्चीसी की कड़ी की 24वी हिंदी कहानी "माँ-बेटी के बच्चों में क्या रिश्ता हुआ?" बाकी सभी कहानियों की तरह यह कहानी भी बहुत ही शिक्षाप्रद कहानी हैं। इस विक्रम बेताल की कड़ी में राजा विक्रमादित्य चुपचाप बेताल को एक योगी के पास ले जाना चाहते है, लेकिन बेताल भी ऐसी कहानी सुनाता है की, कहानी के अंत में राजा विक्रमादित्य को बोलने पर मजबूर कर देता है। और राजा का मोन भंग होते ही बेताल फिर से श्मशान में जाकर पेड़ से लटक जाता है। तो चलिए जानते है की इस कहानी में बेताल राजा का मोन केसे भंग करता है और पढ़ते है -- "Vikram Betal [Betal Pachisi] 24वी Stories In Hindi"
Vikram Betal - Betal Pachisi 24वी [Hindi Stories ]
माँ-बेटी के बच्चों में क्या रिश्ता हुआ?
उसके जाने पर रानी और बेटी जंगल से निकलकर आयीं और राजा को मरा देखकर बड़ी दु:खी हुईं। वे दोनों शोक करती हुईं एक तालाब के किनारे पहुँची। उसी समय वहाँ चंडसिंह नाम का साहूकार अपने लड़के के साथ, घोड़े पर चढ़कर, शिकार खेलने के लिए उधर आया। दो स्त्रियों के पैरों के निशान देखकर साहूकार अपने बेटे से बोला, "अगर ये स्त्रियाँ मिल जों तो जायें जिससे चाहो, विवाह कर लेना।"
लड़के ने कहा, "छोटे पैर वाली छोटी उम्र की होगी, उससे मैं विवाह कर लूँगा। आप बड़ी से कर लें।"
साहूकार विवाह नहीं करना चाहता था, पर बेटे के बहुत कहने पर राजी हो गया।
थोड़ा आगे बढ़ते ही उन्हें दोनों स्त्रियां दिखाई दीं। साहूकार ने पूछा, "तुम कौन हो?"
रानी ने सारा हाल कह सुनाया। साहूकार उन्हें अपने घर ले गया। संयोग से रानी के पैर छोटे थे, पुत्री के पैर बड़े। इसलिए साहूकार ने पुत्री से विवाह किया, लड़के ने रानी से हुई और इस तरह पुत्री सास बनी और माँ बेटे की बहू। उन दोनों के आगे चलकर कई सन्तानें हुईं।
इतना कहकर बेताल बोला, "राजन्! बताइए, माँ-बेटी के जो बच्चे हुए, उनका आपस में क्या रिश्ता हुआ?"
यह सवाल सुनकर राजा बड़े चक्कर में पड़ा। उसने बहुत सोचा, पर जवाब न सूझ पड़ा। इसलिए वह चुपचाप चलता रहा।
बेताल यह देखकर बोला, "राजन्, कोई बात नहीं है। मैं तुम्हारे धीरज और पराक्रम से खुश हूँ। मैं अब इस मुर्दे से निकला जाता हूँ। तुम इसे योगी के पास ले जाओ। जब वह तुम्हें इस मुर्दे को सिर झुकाकर प्रणाम करने को कहे तो तुम कह देना कि पहले आप करके दिखाओ। जब वह सिर झुकाकर बतावे तो तुम उसका सिर काट लेना। उसका बलिदान करके तुम सारी पृथ्वी के राजा बन जाओगे। सिर नहीं काटा तो वह तुम्हारी बलि देकर सिद्धि प्राप्त करेगा।"
इतना कहकर बेताल चला गया और राजा मुर्दे को लेकर योगी के पास आया।
--------------------------------------------------------------------------------------------------------
तो आज की विक्रम बेताल की कहानी में इतना ही फिर मिलते है नई कहानी के साथ पढ़ते रहिए allhindistory.in पर विक्रम बेताल की हिंदी कहानियां।
प्रिय पाठको अगर आपने अभी तक बेताल पच्चीसी [betal Pachisi] कड़ी की पिछली 23वी कहानी योगी पहले क्यों रोया, फिर क्यों हँसा? बेताल पच्चीसी - 23वीं हिंदी कहानी! नही पढ़ी है तो वो भी पढ़ सकते हैं।
और अगर आपके पास कोई अच्छी सी Hindi Story हैं । और आप उसे इस ब्लॉग पर प्रकाशित करना चाहते है तो आप हमे उस कहानी को हमारे ईमेल पते umatshrawan@gmai.com पर अपने नाम, पते और श्रेणी सहित भेज सकते हैं। अगर हमे कहानी अच्छी लगी तो हम उसे आपके नाम के साथ हमारे ब्लॉग www.allhindistory.in पर प्रकाशित करेंगे। और अगर आपका हमारे लिए कोई सुझाव है तो कांटेक्ट अस फॉर्म पर जाकर हमें भेज सकते हैं
Betal Pachisi 24वी [Hindi Stories] को पढ़ने के लिए और आपका अमूल्य समय हमें देने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
0 टिप्पणियाँ