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शिक्षाप्रद हिंदी कहानी। भगवान हमारे साथ जो करता है सब अच्छा ही करता है।

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शिक्षाप्रद हिंदी कहानी। भगवान हमारे साथ जो करता है सब अच्छा ही करता है। शिक्षाप्रद हिंदी कहानी। भगवान हमारे साथ जो करता है सब अच्छा ही करता है। प्रिय पाठको एक बार आप सभी का फिर स्वागत है मेरे ब्लॉग Allhindistory पर में आपको एक शिक्षाप्रद कहानी के साथ रुबरु करवाता हु इंसान के भाग्य से, जिसमे दर्शाया गया है की, इंसान को हमेशा अपने मालिक पर यह भरोसा रखना चाहिए की, वो सर्वशक्तिमान मेरे जीवन में जो भी करेगा सब अच्छा ही करेगा। तो प्रिय पाठको आज की हमारी कहानी एक किसान और उसके भाग्य पर आधारित है, तो इस कहानी में जानिए की किसान का भाग्य उसके साथ क्या क्या खेल खेलता है। क्या किसान का भाग्य किसान के लिए सब अच्छा ही करेगा? ये सब जानने के लिए आपको इस कहानी को पूरा पढ़ना ही होगा तो फिर देर किस बात की चलिए शुरू करते है आज की कहानी........ शिक्षाप्रद हिंदी कहानी। भगवान हमारे साथ जो करता है सब अच्छा ही करता है। बहुत समय पहले की बात है, एक गरीब किसान गांव में अपने बेटे के साथ रहता था। उसके पास बस थोड़ी सी जमीन और एक छोटी सी भूसे की झोपड़ी थी, इसके अलावा उसकी एकमात्र प्रोपर्टी एक घोड़ा था जो उसे अपने

पौराणिक कथाएं। चारो युगों में सबसे महान युग कोनसा है? कलियुग सबसे महान क्यों?

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  पौराणिक कथाएं। चारो युगों में सबसे महान युग कोनसा है? कलियुग सबसे महान क्यों? पौराणिक कथाएं। चारो युगों में सबसे महान युग कोनसा है? कलियुग सबसे महान क्यों? प्रिय पाठकों आप सभी का एक बार फिर से हमारे ब्लॉग “ Allhindistory “ पर तेहदिल से स्वागत है। प्रिय पाठकों वैसे हमारे सनातन हिंदू धर्म में अभी तक तीन युग ( सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग ) बीत गए गए है। और चौथा युग ( कलियुग ) अभी वर्तमान में चालू है।  अब दोस्तो बात यह पर आकर अटक जाती है की, इन चार युगों में सबसे बड़ा या महान कौन है। हम कोनसे युग को सबसे महान माने? तो दोस्तो इसी बात को लेकर एक बार चारो युगों में भी बहस चिढ़ गई की हम चारो में महान कोन है। और बात इतनी बढ़ गई की कोई भी देवता इसका फैसला नही कर पाया की इन चारो में महान कौन है।  फिर सभी देवताओं ने मिलकर चारो युगों को कैलाश पर्वत पर विराजमान आदि, अनादि, अजर, अमर, अविनाशी भगवान शंकर के पर जाने की सलाह दी की आप चारो की लड़ाई का फैसला तो भगवान भोलेनाथ ही कर सकते है। फिर चारो भाई देवताओं की बात मानकर कैलाश पर्वत की और प्रस्थान करते है।   तो प्रिय पाठको भगवान शंकर एवम मैया पार्वती