शिक्षाप्रद हिंदी कहानी। भगवान हमारे साथ जो करता है सब अच्छा ही करता है।

शिक्षाप्रद हिंदी कहानी। भगवान हमारे साथ जो करता है सब अच्छा ही करता है।

शिक्षाप्रद हिंदी कहानी। भगवान हमारे साथ जो करता है सब अच्छा ही करता है।
शिक्षाप्रद हिंदी कहानी। भगवान हमारे साथ जो करता है सब अच्छा ही करता है।


प्रिय पाठको एक बार आप सभी का फिर स्वागत है मेरे ब्लॉग Allhindistory पर में आपको एक शिक्षाप्रद कहानी के साथ रुबरु करवाता हु इंसान के भाग्य से, जिसमे दर्शाया गया है की, इंसान को हमेशा अपने मालिक पर यह भरोसा रखना चाहिए की, वो सर्वशक्तिमान मेरे जीवन में जो भी करेगा सब अच्छा ही करेगा। तो प्रिय पाठको आज की हमारी कहानी एक किसान और उसके भाग्य पर आधारित है, तो इस कहानी में जानिए की किसान का भाग्य उसके साथ क्या क्या खेल खेलता है। क्या किसान का भाग्य किसान के लिए सब अच्छा ही करेगा? ये सब जानने के लिए आपको इस कहानी को पूरा पढ़ना ही होगा तो फिर देर किस बात की चलिए शुरू करते है आज की कहानी........

शिक्षाप्रद हिंदी कहानी। भगवान हमारे साथ जो करता है सब अच्छा ही करता है।


बहुत समय पहले की बात है, एक गरीब किसान गांव में अपने बेटे के साथ रहता था। उसके पास बस थोड़ी सी जमीन और एक छोटी सी भूसे की झोपड़ी थी, इसके अलावा उसकी एकमात्र प्रोपर्टी एक घोड़ा था जो उसे अपने पिता से विरासत में मिला था।

एक दिन वह घोड़ा घर से भाग गया, उस घोड़े के अलावा उस किसान के पास कोई और जानवर नहीं था, जिसके साथ वह जमीन पर खेती कर सके।

उनके पड़ोसी - जो उनकी ईमानदारी और उसके परिश्रम के लिए उनका बहुत सम्मान करते थे। इसलिए उसे सहानुभूति देने के लिए उनके घर आए कि उसके साथ कितना बुरा हुआ है । किसान ने सभी आगंतुकों का उनकी चिंता करने के लिए उन सबका धन्यवाद किया, 
और पूछा:- आप कैसे कह सकते हैं कि, मेरे साथ जो भी हुआ है वह मेरे जीवन का दुर्भाग्य है?
वहा बैठे लोगो में से किसी ने अपने दोस्त से बुदबुदाया: "शायद किसान इसके साथ हुई वास्तविकता को स्वीकार नहीं कर पा रहा है, इसलिए उसे तब तक सोचने दें कि वह क्या चाहता है, जिससे उसके साथ अब तक जो भी हुआ है उससे वो दुखी न हो।"
और पड़ोसियों उसकी बात रखने के लिए किसान से जो कुछ सुना था, उससे सहमत होने का नाटक करते हुए चले गए।

एक हफ्ते बाद, वह घोड़ा फिर से अस्तबल में लौट आया, लेकिन वह अकेला नहीं आया था; यह अपने साथ जोड़ी में एक अच्छी घोड़ी भी साथ लेकर आया था।

ये बात जब ग्रामीणों को पता चली, तब उन सब के समझ में आया की जब हम सभी उसके घर सांत्वना देने गए तब इस किसान ने ऐसा क्यू बोला था की, आप कैसे कह सकते हैं कि, मेरे साथ जो भी हुआ है वह मेरे जीवन का दुर्भाग्य है?
किसान के कहने का तात्पर्य था की, भाग्य मेरे साथ जो भी कर रहा है सब अच्छा ही कर रहा है।

फिर क्या था गांव के सभी लोग किसान का घोड़ा वापिस घर आने की खुशी में उसे बधाई देने उसके घर पहुस गए ओय उस किसान को ढेर सारी बधाइयां देने लगे।

और हर कोई यही कहता की पहले आपके पास केवल एक घोड़ा था, लेकिन आपकी किस्मत ने साथ दिया और अब देखो आपके पास दो घोड़े हैं। बधाई हो! - उन्होंने कहा।

तभी किसान बोला आप सभी की शुभकमनाओं के लिए और आपकी सभी चिंताओं के लिए आप सभी को बहुत-बहुत धन्यवाद। लेकिन आप कैसे कह सकते हैं कि मेरे साथ जो भी हुआ वो मेरे भाग्य से मिला मेरे जीवन में एक आशीर्वाद है?

फिर किसान के मुंह से ऐसी बात सुनकर सभी निराश हो गए और सोचने लगे की यह किसान पागल हो गया है। और रास्ते से जाते हुए सभी लोग उस पर टिप्पणी करने लगे : "क्या वह वास्तव में नहीं समझता कि भगवान ने उसे एक उपहार भेजा है?"

फिर एक महीने बाद, किसान के बेटे ने घोड़ी को वश में करने का फैसला किया। जब वो घोड़ी की सवारी करने लगा तब घोड़ी ने उसे गिरा दिया और उसके बेटे का एक पैर टूट गया।

पड़ोसी पुनः किसान के घर आए और उसके घायल लड़के के लिए उपहार लाए। गांव के मुखिया ने पिता के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि जो कुछ हुआ उससे सभी बहुत दुखी हैं।

उस व्यक्ति ने उनके आने और उनकी चिंता के लिए उन्हें धन्यवाद दिया, और कहा की : - आप कैसे कह सकते हैं कि मेरे साथ जो हुआ है वह मेरे जीवन का दुर्भाग्य है?
यह सुनकर वे सभी लोग चकित रह गए, क्योंकि किसी को इस बात पर जरा सा भी संदेह नहीं हो सकता था कि एक बेटे की दुर्घटना को पिता का दुर्भाग्य नहीं तो क्या समझा जाए! 

जैसे ही उन्होंने किसान का घर छोड़ा, कुछ ने दूसरों से कहा: “किसान सचमुच पागल हो गया है; उसका इकलौता बेटा हमेशा के लिए लंगड़ा हो सकता है, और वह अभी भी इस बारे में संदेह कर रहा है कि जो भी हुआ वह मेरा दुर्भाग्य है।

फिर कुछ महीने बीत गए, और जापान ने चीन पर युद्ध की घोषणा कर दी। जिससे चीन की सरकार सभी स्वस्थ युवकों को युद्ध के मोर्चे पर भेजने के लिए सम्राट के दूतों ने पूरे देश की यात्रा की।
गांव में पहुंचने पर उन्होंने किसान के बेटे (जिसका पैर टूट गया था।) को छोड़कर सभी युवकों को सेना में भर्ती कर लिया, 
वहा से कोई भी युवक वापस जीवित नहीं लौटा। किसान बेटा ठीक हो गया, उसने दो और जानवरों को पाला, और उनकी संतानों को अच्छी कीमत पर बेच दिया गया।

फिर किसान अपने पड़ोसियों को सांत्वना देने और उनकी मदद करने के लिए उनके पास जाने लगा - वो इसलिए क्योंकि वे हमेशा से किसान की परवाह करते थे।
जब भी उनमें से किसी ने शिकायत की, किसान ने कहा: "आप कैसे कह हैं कि यह एक दुर्भाग्य है?" अगर कोई बहुत खुश होता , तब वो उनसे पूछता: "आप कैसे जानते हैं कि यह एक आशीर्वाद है?"  
धीरे धीरे उस गाव के लोगो को किसान की बातो से जीवन का वो सत्य समझ में आने लगा कि दिखावे से परे, जीवन के और भी बहुत सारे मायने हैं।

कहानी की सिख :
ये कहानी हमे सिखाती है कि दुनिया में कुछ भी हमेशा के लिए नहीं है यानी जी की अगर आज आप सुखी है तो हमेशा नहीं रहेंगे और अगर आप अभी दुखी हो तो आपका दुख भी हमेशा नहीं रहेगा इसलिए सूखा ही या दुख दोनों ही स्थिति में स्थिर रहने में ही समझदारी है।


--------------------------------------------------------------------------------------------------------


प्रिय पाठकों

आखिर में दोस्तों उम्मीद करता हूं जानकारी आपको यह कहानी जरूर पसंद आई होगी अगर आपको यह कहानी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों एवं परिवार वालों के साथ शेयर जरूर करें, और कमेंट एवं लाइक भी जरूर करें और इसी प्रकार की हिंदी कहानी पढ़ने के लिए इस ब्लॉग को फॉलो जरूर करें।
तो दोस्तो मिलते हैं आपसे अगली एक नई कहानी के साथ तब तक आप सभी को मेरा राम-राम जी 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

और अगर आपके पास कोई अच्छी सी Hindi Story हैं । और आप उसे इस ब्लॉग पर प्रकाशित करना चाहते है तो आप हमे उस कहानी को हमारे ईमेल पते umatshrawan@gmai.com पर अपने नाम, पते और श्रेणी सहित भेज सकते हैं। अगर हमे कहानी अच्छी लगी तो हम उसे आपके नाम के साथ हमारे ब्लॉग www.allhindistory.in पर प्रकाशित करेंगे। और अगर आपका हमारे लिए कोई सुझाव है तो कांटेक्ट अस फॉर्म पर जाकर हमें भेज सकते हैं

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

दुष्यंत और शकुंतला की प्रेम कथा ! Love story of Dushyant and Shakuntala.

कामदेव और रति की प्रेम कहानी ! Kaamdev Our Rati Ki Poranik Prem Khata.

पौराणिक प्रेम कथा ! मेनका और विश्वामित्र ! Love story of Menka And Vishwamitra.